आखिरी शब्द...
रोज़ की तरह
रोज़मर्रा की वही बातें
और उनके रूप प्रतिरूप
मैं लिखने लगा था
अचानक गिर पड़ी दो लाल बूंदें कलम से
स्तब्ध था मैं
जो कभी हंसती थी, रोती थी, मचलती थी,
पर आज खामोश है,
धीर, गंभीर ,..
मेरी अथाह जिज्ञासा
और मेरे मूक प्रश्नों से उबी..
उदासी में डूबी
कलम ने रुधे गले से बताया
ये दो लाल बूंदें
सामान्य नहीं
स्वर्णिम रक्त की है
उस माटी से उठा कर लायी हूँ
जहाँ वीरो ने अपने प्राण त्याग दिए
राष्ट्र की बलि वेदी पर..
उठा लायी हूँ मैं देखकर उनका निस्वार्थ त्याग
इन बूंदों को
ताकि.. अमर हो सकूँ उनकी तरह
अगर हो सके तो लिख दो
संवेदनहीन जनमानस के सोये अन्तःस्थल पर
उन वीरों के अंतिम शब्द....
एक झटके के साथगिर पड़ा हाथ कागज के पृष्ठ पर
टूट गयी कलम अपने आखिरी शब्द कह कर..
सफ़ेद पृष्ठ पर लिखा था..
वन्देमातरम.... जय हिंद..
great,welcome
ReplyDeleteटूट गयी कलम अपने आखिरी शब्द कह कर..
ReplyDeleteसफ़ेद पृष्ठ पर लिखा था..
वन्देमातरम.... जय हिंद..
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं, लेखन कार्य के लिए बधाई
यहाँ भी आयें आपके कदमो की आहट इंतजार हैं,
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टूट गयी कलम अपने आखिरी शब्द कह कर..
ReplyDeleteसफ़ेद पृष्ठ पर लिखा था..
वन्देमातरम.... जय हिंद..
kya baat hai..hamesha ki tarah ati uttaam sochne ko majboor karti kavita
aaj hi dikha blog apka. aa kar khushi hui
bye tc
Lajvab abhivyakti.
ReplyDeleteचिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सतत लेखन के लिए शुभकामनाएं. जारी रहें.
ReplyDelete---
Till 30-09-09 लेखक / लेखिका के रूप में ज्वाइन [उल्टा तीर] - होने वाली एक क्रान्ति!
चिट्ठा जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. सतत लेखन के लिए शुभकामनाएं. देश भक्ति की भावनाएं दिल को छू गईं। मेरे ब्लोग को भी देखें इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteसुंदर लेखन, अच्छी कविता लिखी है
ReplyDeletenarayan narayan
ReplyDeleteएक झटके के साथगिर पड़ा हाथ कागज के पृष्ठ पर
ReplyDeleteटूट गयी कलम अपने आखिरी शब्द कह कर..
सफ़ेद पृष्ठ पर लिखा था..
वन्देमातरम.... जय हिंद..
बहुत खूब ....!!
लाजवाब....!!
हमारे ब्लॉग जगत का एक जांबाज़ भी इन दिनों जख्मी है ...कई वीर मरे गए ...आपकी कविता ने आँखें नम कर दीं ....
जय हिंद ....!!
बहुत ही बेहतरीन रचना ।
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
गुलमोहर का फूल
बहुत ही बेहतरीन रचना ।
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना ।
Adhbut...!
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