सरल जीवन, यूँ उकेरे
अतुल मन संदेह घेरे
अश्व तृष्णा,समय रथ पर
जा रहे हो कोन पथ पर
द्रवित है दिनमान प्यारे
श्रंखला बन मेघ तारे
विहग खग बैचैन से है
व्यग्र अली गुंजान सारे
मलिनता का लेप सत् पर
जा रहे हो कोन पथ पर
दृष्टियों मैं गरल आया
वाक्य ले सब प्रबल माया
वचन, दृढ संकल्प, कैसा
शब्द ओढे एक छाया
है कोई अब एक व्रत पर ??
जा रहे हो कोन पथ पर
ह्रदय के ये चक्षु खोलो
सत्य ही बस सत्य बोलो
मन भ्रमित, आश्वस्त करके
स्वयं के ही साथ हो लो
वर्ष बीते , व्यर्थ अवसर
जा रहे हो कोन पथ पर...
EK BINDU MAIN, DHARA TUM SWANS MAIN JEEVAN BHARA TUM. TUM HRIDAY TUM PRAN MERE. YUG ANANTO KI VARA TUM... EK BINDU MAIN.. DHARA TUM..
Wednesday, May 6, 2009
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