स्पर्श से लिख दूं कहो
संवेदना मनुहार की
आत्मा की अर्चना और
सत्यता संसार की
स्पर्श से लिख दूं कहो …
शरण मैं आगोश की
मदहोशियाँ जाती मचल
प्रणय की वो प्यास लेकर
नयन जब जाते है जल
कर रही खामोशिया
उदघोषनाये प्यार की
स्पर्श से लिख दूं कहो ……
उँगलियों मै प्रेम सिमटा
आसमान पर कुछ लिखूं
साँस लपटें बन के तन की
तुम जलो मैं भी जलूं
ख़त्म करदें राख होकर
तपिस तन त्यौहार की
स्पर्श से लिख दूं कहो
EK BINDU MAIN, DHARA TUM SWANS MAIN JEEVAN BHARA TUM. TUM HRIDAY TUM PRAN MERE. YUG ANANTO KI VARA TUM... EK BINDU MAIN.. DHARA TUM..
Wednesday, October 7, 2009
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अति सुन्दर...आप का भाषा पर बहुत अच्छा control है.
ReplyDeleteउँगलियों मै प्रेम सिमटा
आसमान पर कुछ लिखूं
साँस लपटें बन के तन की
तुम जलो मैं भी जलूं
ख़त्म करदें राख होकर
तपिस तन त्यौहार की
स्पर्श से लिख दूं कहो
आशु